चलिए, अब निर्मल बाबा के मंदिर बनायें

साथियों, आज हम आपको एक बड़े महान और दिव्य बाबाजी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने 'बाबागिरी' के क्षेत्र में क्रांति सी मचा दी है। लोगों पर अपनी कृपा बरसाने की शैली भी इनकी अत्यंत क्रन्तिकारी है। इतना ही नहीं, बाबाजी अद्भुत सेक्युलर हैं! ये कभी भगवान्, इश्वर, गॉड अथवा अल्लाह का नाम नहीं लेते, अपितु सब को एक साथ लपेट कर 'शक्तियों' के नाम से संबोधित करते हैं। जी हाँ, शक्तियाँ जो कभी हरी चटनी के साथ समोसे खाने से तो कभी लाल चड्डी पहनने से बाबजी के भक्तों पर अपनी असीम कृपा बरसाती हैं। जी हाँ! आप ठीक समझे, हम ब्रह्मज्ञानी त्रिकालदर्शी ब्रह्माण्डनायक श्री श्री मियाँ निर्मल बाबा की ही बात कर रहे हैं। जैसा इनका नाम, वैसा ही इनका काम - निर्मल मन से सब पर अपनी निर्मल कृपा बरसाते हैं बाबाजी!

बाबाजी की शक्तियाँ कितनी प्रबल हैं इस बात का ज्ञान उनको ना मानने वाले अज्ञानी तथा मूढ़ मति लोगों को इस बात से हो जाना चाहिए कि एक समय ये सारे समाचार चैनल वाले अपने कैमरे और माइक ले कर बाबाजी के पीछे पड़ गए थे। रात-दिन बाबाजी को बदनाम करने के प्रयत्न किये गए, परन्तु बाबाजी का 'घंटा' कुछ ना उखाड़ पाए। बाबाजी ने अवश्य इन चैनल वालों को अपनी कृपा की शक्ति और शक्तियों की कृपा के साक्षात् दर्शन करवाए होंगे, तभी तो ना केवल सारे समाचार चैनलों की जिह्वा पर ताले ही लग गए, अपितु इनमे से ही एक न्यूज २४ पर आज बाबाजी के समागम दिखाए जाते हैं। इन्हीं समागमों में लोग एक  नहीं दो-दो माइक ले कर बाबाजी के समक्ष अपने निर्मल अश्रु बहा कर उनकी निर्मल कृपा की भीक्षा मांगते हैं। ऐसे चमत्कारी हैं निर्मल बाबाजी!

बाबाजी का एक और विलक्षण गुण ये भी है कि ये अत्यंत सेक्युलर हैं। इन्होने कभी विभिन्न धर्मों में भेद नहीं किया। भले ही इनके समागम में आपको कोई क्रिस्चियन ना दिखे, ना कोई मुसलमान दिखे, परन्तु चूंकि निर्मल बाबाजी किसी धर्म में भेद नहीं करते, इन्हें हिन्दू मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक माना जाना चाहिए।

मित्रों, संत कोई चमत्कार कैमरे के सामने नहीं करते। उन्हें किसी विज्ञापन की आवश्यकता नहीं होती। ये तो बस अपने भक्तों के उद्धार के लिए चमत्कार करते हैं। जब आप इनके भक्तों की बातें सुनेंगे तब समझेंगे आप कि कैसे बाबाजी ने बुझे हुए दिये जलाये हैं, कैसे पूरे गाँव के गाँवों को महामारी से बचाया है, और तो और बाबाजी की कृपा से पोलियो के मरीज़ भी चलने लग गए हैं। कुछ भक्तों का तो दावा है कि राहुल बाबा की चमत्कारिक बुद्धि, केजरीवाल जी के दिव्य रायते, माता सोनिया जी की विलक्षण वक्तृत्व, दिग्गी जी के अपार ज्ञान तथा मुलायम सिंह जी की स्पष्ट-मधुर वाणी के पीछे भी बाबाजी की शक्तियों की कृपा का हाथ है!

बाबाजी ने अपनी निरमल कृपा बरसाने के बदले में अपने भक्तों से कभी कुछ माँगा? कुछ भी नहीं! वो तो आप चाहें तो स्वेच्छा से वो चढ़ावा टीवी स्क्रीन पर दिए गए बैंक खातों के नंबर पर ट्रान्सफर करवा दें। देखी बाबाजी की कृपा? उनके भक्तों को चल कर उनके पास भी जाने की आवश्यकता नहीं! घर बैठे-बैठे चढ़ावा चढ़ाइए और उनकी असीम कृपा की वर्षा में भीग जाइये।

जब बाबाजी ऐसी विलक्षण शक्तियों के स्वामी हैं, जब उनकी। कृपा अपरम्पार है और इतना ही नहीं, वो असीम सेक्युलर भी हैं, तो बॉस, मंदिर बनाना तो बनता ही है, नहीं? जब साईं बाबा के मंदिर बन सकते हैं तो निर्मल बाबा जी के क्यों नहीं? वो भी तो सेक्युलर हैं, वो भी तो चमत्कारी हैं! बस बनाइये एक मंदिर और स्थापित कीजिये एक निर्मल बाबा जी की भव्य मूर्ती। उस भव्य मूर्ती के आस पास दो चार दुर्गा-गणेश की छोटी छोटी मूर्तियाँ रख दीजिये, तत्पश्चात देखिये मंदिर बनाने वाले पर कैसी 'कृपा' बरसेगी!

तो भक्तजनों, सब कोई प्रेम से बोलिए...निर्मल बाबा की...जय!

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