क्रन्तिकारी, बहुत ही क्रन्तिकारी !

कहा था उन्होंने "भ्रष्टाचार से लड़ेंगे लेकर हाथ में झाड़ू"
पर जब आया समय, तो लग गयी उन्हें खांसी की बीमारी 
क्रन्तिकारी…बहुत ही क्रन्तिकारी !


कभी इसपर उंगली तानी कभी उसका किया खुलासा 
लोकतंत्र में छाती पीट के बोले, "में हूँ अराजक", ये कैसी भाषा ?
आज भी जहाँ डाले हैं डेरा, वो है घर सरकारी !
क्रन्तिकारी…बहुत ही क्रन्तिकारी 

कभी कहा था जिनसे मिलायेंगे ना हाथ, 
थूक के चाटे सौ बार, लिया उन्हीं का साथ!
जब खाई खुद के बच्चों की झूठी कसम,
क्या भरोसा है ना चलाएंगे ये गर्दन पर हमारी आरी?
क्रन्तिकारी…बहुत ही क्रन्तिकारी !

खुद से तो कभी कछु ना हुआ, 
इनसे तो कुर्सी पर अर्धशतक भी पूरा ना हुआ!
फिर भी जाते हैं 'विकास के धाम' खोलने पोल,
गयी है इनकी मति मारी !
क्रन्तिकारी…बहुत ही क्रन्तिकारी !

लिए फिरते हैं प्रश्नों की सूची 
पर देते नहीं उत्तर, जो किसी ने इनसे बातें कुछ पूछी 
सबको चरित्र का बांटते हैं ये प्रमाणपत्र, 
जो ना दे इनके प्रश्नों के उत्तर, ले ले इनसे पंगा, वो पक्का भ्रष्टाचारी!
क्रन्तिकारी…बहुत ही क्रन्तिकारी !

चुन-चुन कर इकठ्ठा किये नमूने
खोला भानुमति का पिटारा
'क्रांति' के नाम पर करते हुड़दंग,
निठल्लों के हुए पौ-बारा।
कोई आपका नेता नक्सली, कोई अलगाववादी, तो कोई कवी अर्धनारी!
क्रन्तिकारी…बहुत ही क्रन्तिकारी !

जब पुलिस गई शाजिया इल्मी को करने गिरफ्तार
छुप गई वो 'ब्यूटी पार्लर' में करने नौटंकी की तैय्यारी !
क्रन्तिकारी…बहुत ही क्रन्तिकारी !

नाम ले कर शहीद-ए-आज़म भगत सिंह का 
बातें बड़ी-बड़ी, काम न हुआ जितना तिनका!
जिन शहीदों की चिता पर लगने थे मेले, 
वहीं ये सेकते हैं रोटियां, भावनाओं से जनता की ये खेलें! 
होली का मौसम है आया, क्यों ना पेल दी जाये 'पुण्य प्रसून' के 'स्थानविशेष' में पिचकारी?
क्रन्तिकारी…बहुत ही क्रन्तिकारी ! 

Share on Google Plus
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment