इमरान मसूद ने कहा, "**** की बोटी बोटी काट देंगे, छोटी छोटी" (विडिओ लिंक : यहाँ )
अब रिक्त स्थान की पूर्ती सब ने अपने-अपने हिसाब से कर ली और देने लगे बेचारे इमरान मसूद को गालियां। पर इमरान मसूद तो पूर्णतया 'सेक्युलर' प्राणी है। आप नहीं जानते? अजी, सेक्यूलरता की ठेकेदारों की पार्टी से जो हैं इमरान मसूद जी! इनकी क्रन्तिकारी वाणी सुन कर ही तो दिग्विजय सिंह जी ने इन्हीं इमरान मसूद 'जी' के नाम से सम्बोधित किया था। दिग्गी जे केवल 'क्रन्तिकारी' विचार वाले महान व्यक्तियों को ही 'जी' कि उपाधि देते हैं ! वैसे ये समाचार चैनल वाले अपनी रोटियां सेंकने के लिए कुछ भी तिकड़म लगा कर, मिर्च मसाला मिला कर दिखाते हैं।
असल में इमरान मसूद ने केवल ये कहा था कि जिनमें दम होगा वही मोदी से लड़ेंगे। और लोगों में ये दम लाने के लिए तो स्वयं अपने हाथों से हलाल किये हुए बकरों की बोटी-बोटी काट देंगे, वो भी एकदम छोटी-छोटी। और फिर बनाएंगे बिरयानी, जिसे खा कर लोगों में दम आयेगा और वो मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ पाएंगे। अब इसमें क्या गलत कह दिया मियां इमरान मसूद ने? कम ही लोग जानते हैं कि इमरान मियां को खाना पकाने में इतनी रुची है कि पूछिए मत। वो तो अपनी अम्मी और बीबी को भी गुसलखाने में देते! ऊपर से दयालु इतने कि किसी भूखे को देख कर उनसे रहा नहीं जाता। बस फिर क्या था, इस बार इमरान मसूद ने भूख से कमज़ोर हुए कांग्रेसियों में अब मोदी से टक्कर लेने लायक दम लाने के लिए एक 'क्रांतिकारी… बहुत ही क्रांतिकारी' तरीका प्रयोग में लाने का मन बनाया और कर दिया ऐलान कि वो बकरों के 'स्थानविशेष' कि छोटी छोटी बोटियाँ काट कर बिरयानी बनाएंगे और कांग्रेसियों में नया जोश लायेंगे।
अब इन संघी समाचार चैनेलों ने 'बकरे' को 'बीप' में बदल दिया और लोगों को लगा कि बेचारे फ़रिश्ते जैसे इमरान मसूद मोदी के बारे में ऐसी ऊल-जलूल बात कर रहे हैं। अजी, हम तो कहते हैं सत्यानाश हो उस कलमुहे का जो इस तरह की बात करे। कीड़े पड़ें उसके मुंह में भी और उसके 'स्थानविशेष' में भी.… उसकी बीबी उसके पडोसी के साथ भाग जाये… पर इमरान मियां जैसे सेक्युलर फ़रिश्ते ऐसा थोड़े ही कह सकते हैं ! धत्त बुड़बक !
वैसे अगर कोई बुड़बक नामाकूल ऐसी बात कहे तो उसे हमारे मोहल्ले के नुक्कड़ वाले उस्मान भाई के पास भेज दें। उस्मान भाई के यहाँ गोश्त काटने के लिए किसी कसाई की ज़रुरत है। उस्मान भाई हमारे परम मित्र हैं, हम सिफारिश करेंगे तो नौकरी अवश्य ही मिल जायेगी।
अब रिक्त स्थान की पूर्ती सब ने अपने-अपने हिसाब से कर ली और देने लगे बेचारे इमरान मसूद को गालियां। पर इमरान मसूद तो पूर्णतया 'सेक्युलर' प्राणी है। आप नहीं जानते? अजी, सेक्यूलरता की ठेकेदारों की पार्टी से जो हैं इमरान मसूद जी! इनकी क्रन्तिकारी वाणी सुन कर ही तो दिग्विजय सिंह जी ने इन्हीं इमरान मसूद 'जी' के नाम से सम्बोधित किया था। दिग्गी जे केवल 'क्रन्तिकारी' विचार वाले महान व्यक्तियों को ही 'जी' कि उपाधि देते हैं ! वैसे ये समाचार चैनल वाले अपनी रोटियां सेंकने के लिए कुछ भी तिकड़म लगा कर, मिर्च मसाला मिला कर दिखाते हैं।
असल में इमरान मसूद ने केवल ये कहा था कि जिनमें दम होगा वही मोदी से लड़ेंगे। और लोगों में ये दम लाने के लिए तो स्वयं अपने हाथों से हलाल किये हुए बकरों की बोटी-बोटी काट देंगे, वो भी एकदम छोटी-छोटी। और फिर बनाएंगे बिरयानी, जिसे खा कर लोगों में दम आयेगा और वो मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ पाएंगे। अब इसमें क्या गलत कह दिया मियां इमरान मसूद ने? कम ही लोग जानते हैं कि इमरान मियां को खाना पकाने में इतनी रुची है कि पूछिए मत। वो तो अपनी अम्मी और बीबी को भी गुसलखाने में देते! ऊपर से दयालु इतने कि किसी भूखे को देख कर उनसे रहा नहीं जाता। बस फिर क्या था, इस बार इमरान मसूद ने भूख से कमज़ोर हुए कांग्रेसियों में अब मोदी से टक्कर लेने लायक दम लाने के लिए एक 'क्रांतिकारी… बहुत ही क्रांतिकारी' तरीका प्रयोग में लाने का मन बनाया और कर दिया ऐलान कि वो बकरों के 'स्थानविशेष' कि छोटी छोटी बोटियाँ काट कर बिरयानी बनाएंगे और कांग्रेसियों में नया जोश लायेंगे।
अब इन संघी समाचार चैनेलों ने 'बकरे' को 'बीप' में बदल दिया और लोगों को लगा कि बेचारे फ़रिश्ते जैसे इमरान मसूद मोदी के बारे में ऐसी ऊल-जलूल बात कर रहे हैं। अजी, हम तो कहते हैं सत्यानाश हो उस कलमुहे का जो इस तरह की बात करे। कीड़े पड़ें उसके मुंह में भी और उसके 'स्थानविशेष' में भी.… उसकी बीबी उसके पडोसी के साथ भाग जाये… पर इमरान मियां जैसे सेक्युलर फ़रिश्ते ऐसा थोड़े ही कह सकते हैं ! धत्त बुड़बक !
वैसे अगर कोई बुड़बक नामाकूल ऐसी बात कहे तो उसे हमारे मोहल्ले के नुक्कड़ वाले उस्मान भाई के पास भेज दें। उस्मान भाई के यहाँ गोश्त काटने के लिए किसी कसाई की ज़रुरत है। उस्मान भाई हमारे परम मित्र हैं, हम सिफारिश करेंगे तो नौकरी अवश्य ही मिल जायेगी।
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