गरमा गर्म दाल में, देसी घी की हों बूँदें चार
सरसों का साग हो और आम का अचार
जो पेट भर खाएं, आ जाये एक डकार...
हर पीठ से चिपके पेट का हो ये सपना साकार
इसलिए कहता हूँ मैं - अबकी बार, मोदी सरकार
सबको मिले बराबरी के अवसर फले फूले व्यापार
हर चेहरे पर मुस्कान खिले
चहुँ ओर खुशियाँ हों अपार
हो समाज दृढ, सुरक्षित
देशवासी रहे संग जैसे एक परिवार
इसलिए कहता हूँ मैं - अबकी बार, मोदी सरकार
अब ना कटे शीश
सरसों का साग हो और आम का अचार
जो पेट भर खाएं, आ जाये एक डकार...
हर पीठ से चिपके पेट का हो ये सपना साकार
इसलिए कहता हूँ मैं - अबकी बार, मोदी सरकार
सबको मिले बराबरी के अवसर फले फूले व्यापार
हर चेहरे पर मुस्कान खिले
चहुँ ओर खुशियाँ हों अपार
हो समाज दृढ, सुरक्षित
देशवासी रहे संग जैसे एक परिवार
इसलिए कहता हूँ मैं - अबकी बार, मोदी सरकार
अब ना कटे शीश
किसी सैनिक का सरहद पर
ना छीन पाये कोई धरती, न घटे सीमाओं का आकार
बने भारत विश्व शांति का ध्वज-वाहक
भारत की वीर जल-थल-वायु सेना को ना उठाने पड़ें फिर हथियार
जो करे राष्ट्र के स्वाभीमान से खिलवाड़
उसके अस्तित्व पर सहस्त्रों बार धिक्कार
इसलिए कहता हूँ मैं - अबकी बार, मोदी सरकार
धर्म के आधार पर क्यों कोई मांगे आरक्षण,
क्या जाती आधारित आरक्षण कम है बेकार?
सबको ही मिले स्वस्थ्य सेवाएं बेहतर,
सबको मिले शिक्षा का अधिकार।
क्यों न दूं मैं अपना मत किसी ऐसे को
जो दिखाए ऐसे उज्जवल भविष्य के आसार
इसलिए कहता हूँ मैं - अबकी बार, मोदी सरकार
ना छीन पाये कोई धरती, न घटे सीमाओं का आकार
बने भारत विश्व शांति का ध्वज-वाहक
भारत की वीर जल-थल-वायु सेना को ना उठाने पड़ें फिर हथियार
जो करे राष्ट्र के स्वाभीमान से खिलवाड़
उसके अस्तित्व पर सहस्त्रों बार धिक्कार
इसलिए कहता हूँ मैं - अबकी बार, मोदी सरकार
धर्म के आधार पर क्यों कोई मांगे आरक्षण,
क्या जाती आधारित आरक्षण कम है बेकार?
सबको ही मिले स्वस्थ्य सेवाएं बेहतर,
सबको मिले शिक्षा का अधिकार।
क्यों न दूं मैं अपना मत किसी ऐसे को
जो दिखाए ऐसे उज्जवल भविष्य के आसार
इसलिए कहता हूँ मैं - अबकी बार, मोदी सरकार
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