दिल्ली में कोई भी पार्टी जीते, जीत जनता की होगी

साथियों, अब तक तो आप समाचार चैनलों के द्वारा किये हुए सर्वे से जान ही गए होंगे कि दिल्ली में इसबार क्रांति आ कर ही रहेगी...इसबार आम आदमी पार्टी की विजय निश्चित है। इसी कारण बीजेपी वाले डर गए हैं और तरह तरह के मिथ्यारोप लगा रहे हैं, कह रहे हैं कि सारे सर्वे झूठे हैं। पर सच अधिक दिनों तक छिपा नहीं रह सकता...आप देखिएगा कि जीत आम आदमी पार्टी की ही होगी...और यदि आमदनी पार्टी...अरर मेरा मतलब आम आदमी पार्टी हारी तो इसका कारण ये होगा कि इलेक्शन कमीशन और बीजेपी मिले हुए हैं जी...इन्होंने इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ का पूरा बंदोबस्त कर रखा है जी!

वैसे, आज हम आपके ज्ञान चक्षु खोलने आये हैं जी, आपको बताने आये हैं कि चाहे किसी भी पार्टी की सरकार बने, जीत आम आदमी की होनी है जी! इस बात को ध्यानपूर्वक समझिये।

दिल्ली में चुनाव यूँ तो तीन पार्टियों के बीच लड़ा जा रहा है, परंतु इनमे से कांग्रेस का पत्ता तो पहले ही कट चुका है। इस चुनाव में कांग्रेस का हाल ऐसा है जैसे किसी केशविहीन अर्थात गंजे सज्जन की जेब में कंघे का होता है...मतलब पूर्णतया अप्रासंगिक, अर्थात इर्रेलेवेंट! इसका अर्थ ये हुआ कि दिल्ली में चुनावी संग्राम भ्रष्ट तथा कम्युनल बीजेपी एवं ईमानदारी के चरमोत्कर्ष, अत्यंत सेक्युलर तथा बहुत्तई क्रन्तिकारी आम आदमी पार्टी के बीच है। निस्संदेह किरण बेदी जी तथा शाज़िया इल्मी जी भ्रष्ट, कम्युनल तथा अवसरवादी थीं... इसलिए इन्होंने आम आदमी पार्टी को छोड़ कर बीजेपी के साथ जाना पसंद किया। भले ही किरण बेदी जी ने अपना पूरा करिअर देशसेवा में बिताया हो...भले ही लोकसभा चुनाव के समय शाज़िया इल्मी ने आम आदमी पार्टी के प्रचार हेतु ऐड़ी-चोटी क्यों ना एक की हो, प्ररन्तु यदि आम आदमी पार्टी छोड़ी है तो आप अवसरवादी हैं... भ्रष्ट हैं... आप को स्वतंत्र विचारों तथा राजनैतिक स्थितियों पर विचार और उनका मूल्यांकन करने का कोई अधिकार नहीं है! जो भी हो, आम आदमी आज भी आम आदमी पार्टी के ही साथ है।

अब आते हैं चुनाव परिणामों और इन परिणामों के परिणामों की संभावनाओं पर। तो साथियों, परिणाम दो होंगे - या तो बीजेपी जीतेगी या तो आम आदमी पार्टी। इन दो संभावित परिणामों के भी केवल दो संभावित परिणाम हैं - इन्हें कुछ इस प्रकार समझते हैं। यदि बीजेपी जीतेगी तो वह केवल खराब प्रदर्शन देगी; वह भ्रष्ट लोगों की पार्टी है अतएव वह अच्छा प्रशासन दे ही नहीं सकती। जो भी कुछ अच्छा काम होगा वह तो केवल बीजेपी वाले युगपुरुष के धरनों के डर से करेंगे, अतएव टेक्निकली उसका श्रेय आम आदमी पार्टी को ही जाएगा। और यदि भूले-बिसरे कुछ अच्छा काम अपने आप कर लिया तो  स्वीकार्य नहीं होगा; देश को भ्रष्ट और कम्युनल लोगों का अच्छा काम और उन कामों द्वारा लाये गए 'अच्छे दिनों' की कोई आवश्यकता नहीं है, अतएव उन्हें देखते ही आँखें मूँद लेनी चाहिए।(जैसा कि युगपुरुष जी ने लोकसभा  चुनावों के समय गुजरात जा कर किया था !) ऐसी स्थिति में दिल्ली की जनता को आम आदमी पार्टी के धरनों के दबाव में अच्छा प्रशासन मिल ही जाएगा !

आम आदमी पार्टी के जीतने पर अब पुनः युगपुरुष अरविन्द केजरीवाल जी 49 दिनों में भागने से रहे; उन्होंने पिछली बार से सीख ले ली है। अतएव अगले ५ वर्ष आम आदमी पार्टी 'ऑन जॉब ट्रेनिंग' पायेगी... मतलब क्रन्तिकारी आपियों को रत्ती भर का अनुभव तो है नहीं, ऐसे में जनता की सेवा ऐसे ही तो की जायेगी ना! मतलब यदि पहले कभी हजामत ना की हो तो क्या हुआ... अब नया व्यक्ति हजामत करते करते ही तो सीखेगा ना ! इसमें एक-दो लोगों को खरोंच आ जाये तो उन्हें बुरा नहीं मानना चाहिए। अब 'स्वराज' के लिए इतना तो करना ही पड़ता है ना! लोगों ने तो स्वराज के लिए अपनी गर्दनें कटवाई हैं, आप हजामत नहीं करवा सकते? 

हाँ तो, ना भाग पाने की स्थिति में या तो आम आदमी पार्टी कुशल प्रशासन देना सीख जायेगी। ऐसी स्थिति जनता के लिए किसी पर्व से कम की ना होगी। लाखों आपिये रास्तों पर निकल कर नाचेंगे, अब उन्हें संघी लौंडे चढ़-चिढ़ा जो नहीं पाएंगे ! देश में एक नए प्रकार की राजनीति का प्रयोग सफल हो जायेगा। परन्तु यदि आम आदमी पार्टी सही ढंग से प्रशासन नहीं दे पाई तो इसका सारा ठीकरा बीजेपी  और कांग्रेस पर ही फोड़ा जायेगा। कांग्रेस तो फिर भी सेक्युलर पार्टी है, असली कारण तो बीजेपी जैसी कम्युनल पार्टी होगी। हर त्रुटि केवल इसलिए होगी क्योंकि "बीजेपी वाले डर गए हैं जी"! पर इस प्रकार के प्रशासन में भी आम आदमी पार्टी प्रशासन देना सीख ही जाएगी, तथा अगली बार वह कुशल प्रशासन दे पाएगी। अब दिल्ली की जनता भ्रष्टाचार मुक्त शासन के लिए केवल ५ सालों के लिए बिजली-पानी तथा अन्य छोटी-मोटी समस्याओं को अवश्य ही झेल लेगी, और इन ५ सालों के बाद पुनः आम आदमी पार्टी को चुन कर कुर्सी  देगी। इस प्रकार यदि इस बार नहीं तो अगली बार आम आदमी पार्टी पूर्ण-स्वराज और भ्रष्टाचार मुक्त कुशल प्रशासन दे  रहेगी। तो अब दिल्ली वालों, तैयार हो जाओ... युगपुरुष जी के जलवे देखने के लिए। 

जय अरविन्द, जय झाड़ू, चंदे मातरम। 

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2 comments:

  1. दिक्कत केजरीवाल में नहीं, भारत की जनता में है जो मुफ्त की चीज पाने के लिए लादेन को भी vote दे देगी !

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  2. AAP spokesperson Mr Mehra says we never promised anything to give free...if you think we said that then read our Manifesto..ha #Uturn

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