सुना है कि सलमान खुर्शीद जी ने नरेंद्र मोदी के मर्दानगी का प्रमाणपत्र/सर्टिफिकेट निरस्त/cancel कर दिया है! उफ़, अब क्या करेंगे मोदी जी? मियां खुर्शीद ने कह दिया, तो कह दिया। उनका कहा ख़ुदा का हुकुम है भाई!
वैसे मियां सलमान खुर्शीद को बड़ी दिलचस्पी लगती है दूसरों की मर्दानगी जांचने में। सब ठीक तो है? कहीं 'नवाबी शौक' का चस्का तो नहीं लगा बैठे खुर्शीद साहब?
आजकल ये प्रमाणपत्रों कि दुकानों का चलन अच्छा चल पड़ा है। 'ना हींग लगे ना फिटकिरी, रंग भी चोखा होए' वाली बात है। एक केजरीवाल जी हैं जो कि लोगों को ईमानदारी का प्रमाणपत्र बांटते फिरते हैं, अब ये दूसरे सलमान खुर्शीद जी ने मर्दानगी के प्रमाणपत्र की दुकान लगा ली है। वैसे धर्मनिरपेक्षता/सेकुलरिज्म के प्रमाणपत्र कि दुकान तो नितीश बाबू, दिग्गी राजा आदि जैसे कईयों ने कब से लगा रखी है।
भाई मानना पड़ेगा खुर्शीद साहब कि मर्दानगी को वैसे। एक बार आपने 'आप' के केजरीवाल जी को ललकारा था कि वो फरुखाबाद आ कर दिखाएं। ये कल का लौंडा केजरीवाल भी फरूखाबाद को अपनी लैला कि गली समझ कर घुस आया। वो तो खुर्शीद साहब ने अपने गुस्से पर काबू रखा, नहीं तो जिन्दा वापस ना जा पाता ये केजरीवाल। पूरे एक दिन खुद को पाखाने में बंद कर रखा था सलमान खुर्शीद साहब ने , गुस्से से कांपते हुए बरसात न रुक रही थी पिछवाड़े से उनकी ! उनकी मर्दानगी कि मिसालें तो (ना)पाकिस्तान में भी दी जाती हैं! याद नहीं कैसे उन्होंने पाकिस्तानियों द्वारा हमारे सैनिकों के सर काट कर ले जाने का बदला पाकिस्तान के प्रधान मंत्री रजा परवेज़ अश्रफ को जयपुर में राजकीय भोज में खाना ठुंसवा-ठुंसवा कर लिया था? बेचारे परवेज़ अश्रफ का पेट इतना तन गया था कि उनसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था! मियां सलमान खुर्शीद के मर्दानगी कि कई दास्तानों में से एक और किस्सा याद आ रहा है- ७१ लाख के घोटाले का। भाईसाब, फौलाद का जिगरा लगता है इतनी टुच्ची सी रकम का घपला करने में। वो भी जब विकलांगों के हिस्से का पैसा हजम करना हो तो फौलाद का जिगर ही नहीं, फौलाद को पचा सकने वाला हाजमा भी लगता है!
वैसे कश्मीर से जब कश्मीरी पंडितों को मार-काट कर खदेड़ दिया गया, असम में जब बंगलादेशी घुसपैठियों कि वजह से ३ महीनों से ज्यादा दंगे चलते रहे, मुजफ्फरनगर में हिंदुओं और मुसलमानों कि जानें गईं और जितने भी देश में छोटे-मोटे दंगे हुए वो सब कुछ और ही किस्सा थे , वहाँ तो हर कोई मर्द ही रहा। उन्होंने खुर्शीद साहब से प्रमाणपत्र जो ले रखा था। पर गुजरात में दंगे एक नहीं , दो नहीं , तीन दिनों तक चलते रहे! और तो और इस मोदी ने तो खुर्शीद मियां से अपना प्रमाणपत्र भी नहीं लिया। इसका तो नपुंसक बोला जाना बिलकुल बनता ही है, नहीं?
वैसे सच पूछियेगा तो नाहक ही बवाल मचा रखा है इन संघीयों और भाजपाइयों ने। ये मीडिया भी बिकी हुई है। अब देखिये ना, एक सलमान (खान) ने मोदी की तारीफ की, एक ने उनको भला-बुरा कहा। हिसाब बराबर। अब महाज्ञानी परम प्रतापी श्री कपिल सिब्बल बाबा के हिसाब से तो ये ज़ीरो-लॉस हुआ! मतलब कोई घटना घटी ही नहीं। फालतू में ही ये मेडिया वाले जहाँ-तहां रायता फैलाये पड़े हैं!
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