क्यों हैं राहुल गांधी इस देश के यवाओं कि पहली पसंद?

"सिंपल सी बात है कोई राकेट साइंस नहीं
देश युवा है। देश के ५० परसेंट से ज्यादा लोग अंडर ३० हैं, युवा हैं। उनके जो एक्सपेक्टेशन्स हैं, बिलीफ हैं, माइंड सेट हैं, वो ओब्वियसली एक युवा ही समझ सकता है , जो लिबरल हो, जो ओपन माइंडेड हो; और वो, अगेन नो राकेट साइंस, कांग्रेस के लीडर्स हैं जिनके साथ यूथ रिलेट करता है। वो गाना है ना - हम हैं नए अंदाज़ क्यूँ हो पुराना"
~ हसिबा अमिन

कितनी सच्चाई है इस युवती की बातों में! देश चलाना कोई राकेट साइंस थोड़े ही है! अगर होता तो अब तक ये इतने घोटालों और घटिया राजनीति होते हुए भी कैसे चल रहा होता? बताईये तो भला! व्यर्थ ही अर्नब गोस्वामी हमारे राहुल बाबा को बार बार बेफालतू के सवाल पूछते रहे। सवाल तो असल मुद्दों पर करने चाहिए थे! खैर छोड़िये,  क्या आपको पता है कि राहुल जी इस देश के युवा वर्ग कि पहली पसंद क्यूँ हैं? नो रॉकेट साइंस, क्यूंकि वो बिलकुल हमारे युवाओं कि ही तरह हैं! जब अर्नब गोस्वामी उनसे सवाल पर सवाल किया जा रहा था, तब मुझे मेरे कॉलेज के वाइवा याद आ रहे थे! जो कुछ पढ़ कर गए थे, कम्बखत मरे एक्सटर्नल एग्जामिनर ने उसमें से एक भी सवाल न पूछा। और जो कुछ 'आप्शन' में छोड़ कर गया था, सारे सवाल वहीँ से!अंदर से तो मैं रुंआसा हो चूका था, पर बाहर से मुस्कुराने कि कोशिश करते हुए आँखों में बेचारगी लाने कि कोशिश कर रहा था , ताकि कुछ रहम ही मिल जाये। हम पर तो हमारे एग्जामिनर ने तरस खा कर पूछ ही लिया था,"अच्छा बताओ, क्या पढ़ कर आये हो? उसी में से सवाल पूछ लेंगे।" … पर इस जालिम अर्नब ने तो वो भी नहीं पूछा। सारे सवाल सिलेबस से बाहर के! जवाब रट्टा मारना कोई खाने का काम थोड़े ही है! मुझे तो मुन्नाभाई एम् बी बी एस फ़िल्म का वो सीन याद आ गया जब वाइवा कि तैय्यारी में मुन्नाभाई गलत जवाब देता है! अब देश का युवा वर्ग इनसे रिलेट न करे तो किससे करेगा!
क्या गलत कहा हमारे राज दुलारे राहुल बाबा ने? भाई, कोर इशू तो येही सब हैं -  व्यवस्था परिवर्तन, आर टी आई, सत्ता का विकेंद्रीकरण, महिला सशक्तिकरण … और इन सब मुद्दों को वो हल भी कर सकते हैं।  उदाहरणार्थ -

महिला सशक्तिकरण - राजमाता सोनिया गांधी से है कोई और सशक्त महिला इस देश में? इसे कहते हैं असली महिला सशक्तिकरण!

सत्ता का विकेंद्रीकरण - पहले प्रधानमंत्री का पद सत्ता का केंद्र हुआ करता था।  आज वह केंद्र भी किसी और केंद्र के कण्ट्रोल में है।  हुआ ना सत्ता का विकेंद्रीकरण?

व्यवस्था परिवर्तन - एक बार आप सभी हमारे परम प्रतापी राजकुमार राहुल बाबा को प्रधान मंत्री बना कर तो देखिये।  भले ही व्यवस्था को अव्यवस्था में ही क्यूँ न परिवर्तित करना पड़े, यह परिवर्तन राहुल जी ला कर रहेंगे , पिंकी प्रॉमिस।

आर टी आई - सूचना का अधिकार - यह भी तो कांग्रेस कि ही देन है इस देश को! सूचना मिले या न मिले, वो बाद कि बात है किन्तु-परन्तु-अगर-मगर कम से कम अधिकार तो है! ये क्या कम है?

राहुल जी ने ये भी कहा कि सड़क पर जो आदमी है उसके पास भी वो पावर देखना चाहते हैं, और कहने से पहले ही केजरीवाल के हाथों में दिल्ली कि सरकार थमा दी।  हैं ना राहुल जी जीनियस?

ये सारी खूबियां, ऊपर से ही इज सच अ क्यूटी पाई! उनके गालों के डिम्पल पर कितनी लड़कियां और 'वैसे' लड़के मरते हैं पता है? राहुल जी तो इतने लिबरल हैं कि 'उन' लड़कों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए भी सदैव तत्पर रहते हैं ! इसी कारण राहुल जी आज कि युवा पीढ़ी कि पहली पसंद हैं।  समझे?

युवा जोश , जो सबके उड़ा दे होश!


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