मित्रों एवं सहेलियों,
चाहे 'क्रांति' के नाम पर हमने कितना भी रायता क्यों ना फैलाया हो पर हम भ्रष्ट नहीं हैं। चाहे जनता को हम बीच मजधार छोड़ भाग क्यों ना खड़े हुए हों पर भ्रष्टाचार के मोर्चे पर हम डटे रहे। चाहे कश्मीर पाकिस्तान को क्यों ना देना पड़े, हम भ्रष्टाचारियों को रिश्वत नहीं देंगे। चाहे देश में नक्सलवाद अपनी जड़ें क्यों ना गहरी कर ले, हम भ्रष्टाचार को पनपने नहीं देंगे। चाहे प्रतिदिन रेप-बलात्कार होते रहें, हम भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे। चाहे भाजपा के नेता चुन-चुन कर क्यों ना मारे जा रहे हों हम ना भ्रष्टाचार को जीने देंगे और ना 'शेखूलरिज्म' को मरने देंगे। हमारी पार्टी तो गंगा की तरह पवित्र है, कि इसमें एक बार शामिल होइए और ईमानदारी का प्रमाणपत्र पा जाइये।
ये सरासर भ्रम फैलाया जा रहा है कि शाज़िया जी पार्टी छोड़ रही हैं। असल में 'टाइम प्लीज' कर के शाज़िया इल्मी 'भजिया विथ इमली' पकाने गई हैं। भाई, बारिश ने किवाड़ पर खटखटा जो दिया है। साथ ही अपने जॉगिंग-जोगिन्दर, यानि के योगेन्द्र 'सलीम' यादव जी थोड़ा टाइम आउट ले कर अपनी दाढ़ी की ग्रूमिंग में लगे हुए हैं। क्या है ना कि चुनाव प्रचार में तरह-तरह के लोगों को गले लगाते-लगाते उनकी दाढ़ी में जुएँ हो गए हैं। तो या तो जंगल साफ़ किया जाये, या फिर जंगली जानवरों का शिकार। आप अपनी प्राणों से अधिक प्रिय दाढ़ी को कोई ऐसे कैसे 'ओके टाटा बाई बाई' कर दे। तो बेचारे सलीम यादव जी आजकल अपनी दाढ़ी में से 'खूंखार जानवरों' को निकलवा के उनका शिकार करने-कराने में व्यस्त हैं। इसी के चलते वे 'आप' की मीटिंग में नहीं पधार पा रहे। ऐसे ही हर कोई अपने किसी निजी कारणवश अभी थोड़ी देर के अवकाश पर है।
रही बात युगपुरुष श्री श्री केजरीवाल जी के सरकारी बंगला अब तक खाली ना कर पाने की तो सारे संघी-भाजपाई कान खोल कर सुन लें वे केवल इस लिए ठहरे हुए हैं कि हम आपियों ने ही उनसे यह करबद्ध प्रार्थना की है की कम से कम बारिश के रुकने तक तो प्रभु स्वयं वहाँ से ना निकलें। वैसे क्या हो यदि निकट भविष्य में दिल्ली में चुनाव हों और उन चुनावों में 'आप' को भारी बहुमत प्राप्त हो जाए। अगर हमारे युगपुरुष ने तब तक बंगला खाली कर दिया हो तो फिर से बंगले में 'मूव इन' करने में जनता से इकट्ठे किये चंदे की बर्बादी ही होगी ना! साथ ही यदि चुनाव पूर्व इन संघी-भाजपाइयों की कम्युनल और भ्रष्ट सरकार ने युगपुरुष जी को धक्के मार कर बंगले से निकलवाने का प्रयत्न किया तो तनिक सोचिये कितना रायता… अररर मेरा मतलब है कितना मीडिया कवरेज मिलेगा! बिना चंदे का पैसा खर्च किये क्रन्तिकारी विचारों का प्रचार! हैं न युगपुरुष महाज्ञानी-अतिचतुर?
अब ये कोई ना समझे कि आम आदमी पार्टी में कोई आतंरिक कलह मची है या हम कमज़ोर हो गए। ये तो हम टाइम-पास कर रहे हैं। अब शीघ्र ही हम फिर से रायता... अररर मेरा मतलब है क्रांति फैलाएंगे।
तो मित्रों और सहेलियों… आइये हमसे जुड़िये
हम हैं आम आदमी (को परेशान करनेवाली) पार्टी के आम कार्यकर्ता 'आपिये'
(आप हमें प्रेम से आपटार्ड भी बुला सकते हैं )
जय अरविन्द, जय चंदा , जय झाड़ू , चंदे मातरम
चाहे 'क्रांति' के नाम पर हमने कितना भी रायता क्यों ना फैलाया हो पर हम भ्रष्ट नहीं हैं। चाहे जनता को हम बीच मजधार छोड़ भाग क्यों ना खड़े हुए हों पर भ्रष्टाचार के मोर्चे पर हम डटे रहे। चाहे कश्मीर पाकिस्तान को क्यों ना देना पड़े, हम भ्रष्टाचारियों को रिश्वत नहीं देंगे। चाहे देश में नक्सलवाद अपनी जड़ें क्यों ना गहरी कर ले, हम भ्रष्टाचार को पनपने नहीं देंगे। चाहे प्रतिदिन रेप-बलात्कार होते रहें, हम भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे। चाहे भाजपा के नेता चुन-चुन कर क्यों ना मारे जा रहे हों हम ना भ्रष्टाचार को जीने देंगे और ना 'शेखूलरिज्म' को मरने देंगे। हमारी पार्टी तो गंगा की तरह पवित्र है, कि इसमें एक बार शामिल होइए और ईमानदारी का प्रमाणपत्र पा जाइये।
ये सरासर भ्रम फैलाया जा रहा है कि शाज़िया जी पार्टी छोड़ रही हैं। असल में 'टाइम प्लीज' कर के शाज़िया इल्मी 'भजिया विथ इमली' पकाने गई हैं। भाई, बारिश ने किवाड़ पर खटखटा जो दिया है। साथ ही अपने जॉगिंग-जोगिन्दर, यानि के योगेन्द्र 'सलीम' यादव जी थोड़ा टाइम आउट ले कर अपनी दाढ़ी की ग्रूमिंग में लगे हुए हैं। क्या है ना कि चुनाव प्रचार में तरह-तरह के लोगों को गले लगाते-लगाते उनकी दाढ़ी में जुएँ हो गए हैं। तो या तो जंगल साफ़ किया जाये, या फिर जंगली जानवरों का शिकार। आप अपनी प्राणों से अधिक प्रिय दाढ़ी को कोई ऐसे कैसे 'ओके टाटा बाई बाई' कर दे। तो बेचारे सलीम यादव जी आजकल अपनी दाढ़ी में से 'खूंखार जानवरों' को निकलवा के उनका शिकार करने-कराने में व्यस्त हैं। इसी के चलते वे 'आप' की मीटिंग में नहीं पधार पा रहे। ऐसे ही हर कोई अपने किसी निजी कारणवश अभी थोड़ी देर के अवकाश पर है।
रही बात युगपुरुष श्री श्री केजरीवाल जी के सरकारी बंगला अब तक खाली ना कर पाने की तो सारे संघी-भाजपाई कान खोल कर सुन लें वे केवल इस लिए ठहरे हुए हैं कि हम आपियों ने ही उनसे यह करबद्ध प्रार्थना की है की कम से कम बारिश के रुकने तक तो प्रभु स्वयं वहाँ से ना निकलें। वैसे क्या हो यदि निकट भविष्य में दिल्ली में चुनाव हों और उन चुनावों में 'आप' को भारी बहुमत प्राप्त हो जाए। अगर हमारे युगपुरुष ने तब तक बंगला खाली कर दिया हो तो फिर से बंगले में 'मूव इन' करने में जनता से इकट्ठे किये चंदे की बर्बादी ही होगी ना! साथ ही यदि चुनाव पूर्व इन संघी-भाजपाइयों की कम्युनल और भ्रष्ट सरकार ने युगपुरुष जी को धक्के मार कर बंगले से निकलवाने का प्रयत्न किया तो तनिक सोचिये कितना रायता… अररर मेरा मतलब है कितना मीडिया कवरेज मिलेगा! बिना चंदे का पैसा खर्च किये क्रन्तिकारी विचारों का प्रचार! हैं न युगपुरुष महाज्ञानी-अतिचतुर?
अब ये कोई ना समझे कि आम आदमी पार्टी में कोई आतंरिक कलह मची है या हम कमज़ोर हो गए। ये तो हम टाइम-पास कर रहे हैं। अब शीघ्र ही हम फिर से रायता... अररर मेरा मतलब है क्रांति फैलाएंगे।
तो मित्रों और सहेलियों… आइये हमसे जुड़िये
हम हैं आम आदमी (को परेशान करनेवाली) पार्टी के आम कार्यकर्ता 'आपिये'
(आप हमें प्रेम से आपटार्ड भी बुला सकते हैं )
जय अरविन्द, जय चंदा , जय झाड़ू , चंदे मातरम
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