ये देवी जी तो होली में रंगों पर ही आक्षेप(attack) कर बैठीं! |
१- प्रातः -क्रिया में पृष्ठ-प्रच्छालन (पिछवाडा धोने) हेतु जल की जगह 'टिशु पेपर' का प्रयोग करें। जल-संचय के अलावा इसका अनुसरण करने से आप अंग्रेजों जैसे 'सभ्य' बन जायेंगे।
२-स्नान हेतु फव्वारे (शावर) का प्रयोग न कर, केवल बाल्टी के जल का प्रयोग करें।अपना स्नान एक बाल्टी पानी में निपटाने का प्रयास करें।एक बाल्टी में स्नान न हो पाए तो सप्ताह में एक-दो बार से अधिक न नहाएं।शरीर की दुर्गन्ध भगाने हेतु axe डियो तो है ही!
३- अपने वाहनों को धोने हेतु बाल्टी का प्रयोग करिए। इस क्रिया को भी एक बाल्टी में निपटाएं।
४- जिस पानी से कपडे धोये हों, उसको फेंकने की जगह उसे घर में पोछा लगाने में प्रयोग में लायें।
निम्नलिखित नुस्खों का प्रयोग मात्र एक सप्ताह में इतना जल संचित कर देगा कि आप अगले एक सप्ताह तक होली खेल पाएंगे। अब तो मुस्कुरा लीजिये और आइये फागुन के गुण गाइये।
NB: और हाँ, तेल लगा कर ही होली खेलने आइयेगा, नहीं तो रंग आसानी से नहीं जायेगा। :)
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